Operation Sindoor: मार्को रुबियो ने पाकिस्तान को फटकार लगाई
नई दिल्ली/वॉशिंगटन: भारत द्वारा शुरू किए गए Operation Sindoor के तहत पाकिस्तान को करारा जवाब मिला है। पाकिस्तान द्वारा की गई मिसाइल हमलों की नाकाम कोशिश के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई शुरू की, वहीं अमेरिका ने भी इस पूरे मामले में पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी दी है।
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने पाकिस्तान को कड़े शब्दों में फटकार लगाते हुए साफ कहा है कि “पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करना बंद करे और हालात न बिगाड़े।” उन्होंने भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव पर चिंता जताते हुए शांति बनाए रखने की अपील की है।
अमेरिका की दो टूक
अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता टैमी ब्रूस ने कहा,
पाकिस्तान अगर आतंकवादी हमलों से संबंधित किसी घटना की स्वतंत्र जांच चाहता है, तो हम उसका समर्थन करते हैं। लेकिन यह भी ज़रूरी है कि अपराधियों को सज़ा मिले और जवाबदेही तय हो। हम भारत और पाकिस्तान दोनों से अपील करते हैं कि वे इस मामले में जिम्मेदारी से व्यवहार करें। इस समय दोनों सरकारों के साथ कई स्तरों पर बातचीत जारी है।”
भारत की सटीक प्रतिक्रिया
गुरुवार, 8 मई 2025, को पाकिस्तान ने जम्मू, पठानकोट और उधमपुर में भारतीय सैन्य ठिकानों पर मिसाइल और ड्रोन हमले करने की नाकाम कोशिश की। भारत के अत्याधुनिक एयर डिफेंस सिस्टम ने सभी मिसाइलों और ड्रोन्स को हवा में ही नष्ट कर दिया। इसके बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई करते हुए Operation Sindoor शुरू कर दिया।
जयशंकर और रुबियो के बीच बातचीत
इस पूरे घटनाक्रम के बीच अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर से
फोन पर बात की। रुबियो ने तनाव कम करने की जरूरत पर बल दिया, जबकि जयशंकर ने भारत की “टारगेटेड और संतुलित जवाबी नीति” के बारे में जानकारी दी।
शहबाज शरीफ को भी किया फोन
रेडियो पाकिस्तान के अनुसार, रुबियो ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ से भी बात की।
उन्होंने दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने की अमेरिका की प्रतिबद्धता दोहराई
और कहा कि पाकिस्तान और भारत दोनों को मिलकर तनाव कम करने की दिशा में काम करना चाहिए।
निष्कर्ष:
पाकिस्तान की ओर से आतंकी गतिविधियों का समर्थन और सैन्य उकसावे भारत के लिए अस्वीकार्य है।
अमेरिका जैसे बड़े देश का सीधा हस्तक्षेप और पाकिस्तान को दी गई चेतावनी इस बात का संकेत है कि
अंतरराष्ट्रीय समुदाय अब आतंकवाद को लेकर और अधिक सख्त रुख अपनाने को तैयार है।
पाकिस्तान को चाहिए कि वह आतंकवाद का समर्थन बंद कर क्षेत्रीय शांति में योगदान दे।